एक तरफ साहबजादे, शहजादे और पप्पू जैसे ताने थे तो दूसरी तरफ संविधान की रक्षा का आह्वान। इस बार राहुल गांधी ने बड़ा राजनीतिक स्ट्रोक सफलता से लगाया है। भारत और खुद को समझने के लिए पहले पूरे देश की थाह लेनी होगी, यह बात भारत में बौद्ध भिक्षुओं समेत तमाम धार्मिक संतों ने समझी। 1915-16 में राजनीतिक रूप से महात्मा गांधी ने इस मर्म के महत्व समझा और अंग्रेजों के खिलाफ आंदोलन छेड़ने से पहले पूरे भारत का भ्रमण किया।